मंगलवार, 27 मई 2014

गर्म लावे

मै जानता हूं,
अगर मै कुछ कहता
ये मेरी जीभ काट ली जाती।
मै जानता हूं,
अगर मै कुछ सुनता
मेरे कानों में गर्म लावे ठूंस दिये जाते।
जिसे बताते थे तुम अपना, रहस्य खजाने का 
जिस पर तुम आध्यात्म के नाम पर इठलाते थे इतना
मैने आज इनको पढ़ लिया है।
जान लिया है वो कारण,
जीभ को काटने का
कानो में गर्म लावे ठूसने का
मेरे ही पूर्वजों का पौरूष दफ्न है।
तुम्हारी इन पोथियों में, जिन्हे तुमने दानव राक्षस पुकारा था

संजीव खुदशाह

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